पूर्णिया पूर्व:
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजीगंज पंचायत स्थित टेटगामा गांव में पांच लोगों की निर्मम हत्या के बाद अब यह मामला पूरे आदिवासी समाज को झकझोर चुका है। बुधवार को सरना प्रार्थना सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा घटनास्थल टेटगामा पहुंचे और मृतक परिजनों से मिलकर संवेदना प्रकट की।
उनके साथ राष्ट्रीय परिचारिका कमले किस्पोट्टा, महासचिव विद्यासागर केरेकट्टा, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रवि तिग्गा, जय फाउंडेशन अध्यक्ष नितीश कुमार उर्फ जय ठाकुर, और सामाजिक कार्यकर्ता रामानुज ठाकुर भी मौजूद थे। सभी ने पीड़ित परिवार से मिलकर घटना की विस्तृत जानकारी ली और ढांढस बंधाया।
सरना धर्म गुरु बंधन तिग्गा ने इसे एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, अमानवीय और सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली घटना बताया। उन्होंने कहा कि,
“इस नरसंहार की जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। अंधविश्वास के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों को पहले पीटा गया और फिर जिंदा जला दिया गया, यह हमारे समाज के लिए चेतावनी है।”
उन्होंने कहा कि यह घटना अंधविश्वास और अशिक्षा का घातक परिणाम है। यह संपूर्ण मामला सुनियोजित साजिश प्रतीत होता है, जिसमें पहले से ही पीड़ित परिवार पर डायन होने का लांछन लगाया जा रहा था।
गुरु तिग्गा ने प्रशासन से मांग की कि पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता मिले और गांव में सुरक्षा और पुनर्वास की ठोस व्यवस्था हो। उन्होंने बताया कि घटना के बाद भय और दहशत के कारण गांव के कई निर्दोष लोग अपने घर छोड़कर पलायन कर गए हैं, जबकि यह समय खेतों में धान की बुआई का है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि
“निर्दोषों को सुरक्षा देकर उन्हें फिर से बसाया जाए, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।”
उन्होंने बिहार सरकार और सभी आदिवासी संगठनों से आह्वान किया कि वे इस मानवता विरोधी अपराध के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों। साथ ही, उन्होंने आदिवासी समाज में शिक्षा और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
गौरतलब है कि यह मामला अब तक का बिहार में डायन के आरोप में सबसे बड़ा नरसंहार है, जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। प्रशासनिक स्तर पर जांच और कार्रवाई जारी है।