हर हर महादेव के जयकारों के बीच आस्था,दिखने लगा है अनुशासन और आत्मिक ऊर्जा का अद्वितीय संगम
बनमनखी:
सावन का महीना यानी श्रद्धा का सागर और शिव भक्ति की गहराई। देवों के देव महादेव के प्रति आस्था की इसी अग्नि को और प्रज्वलित करती है सावन की पहली सोमवारी। इसी विशेष दिन को लेकर बनमनखी अनुमंडल अंतर्गत प्रसिद्ध बाबा धीमेश्वर धाम श्रद्धालुओं से पटने को पूरी तरह सजधज कर तैयार है। मंदिर परिसर में न सिर्फ भक्तों की भक्ति झलक रही है, बल्कि प्रशासन की तैयारियों में भी व्यवस्था और सतर्कता की मिसाल पेश की जा रही है।
धीमेश्वर धाम: शिवभक्ति की महाशक्ति का केंद्र
कटिहार के मनिहारी से 105 किलोमीटर दूर बाबा धीमेश्वर धाम, वर्षों से शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र रहा है। सावन के पवित्र मास में यहां आने वाले कांवरिया, गंगा जल लेकर कठिन यात्रा तय करते हैं और बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक अर्पित कर पुण्य अर्जित करते हैं। इस बार भी पहली सोमवारी को हजारों की संख्या में कांवरिया, डाक बम और स्थानीय श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है।
मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य जारी है, लेकिन श्रद्धालुओं की भावना और उत्साह में कोई कमी नहीं है। इस बार स्पर्श पूजन की संभावना कम है, लेकिन श्रद्धा की गहराई कहीं कम नहीं पड़ती।
प्रशासन की चाक-चौबंद व्यवस्था: श्रद्धा के संग सुरक्षा
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को लेकर बनमनखी अनुमंडल प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। अनुमंडल पदाधिकारी एवं एसडीपीओ के नेतृत्व में तीनों थानों के पुलिस बल को सक्रिय किया गया है। मंदिर तक पहुंचने वाले मार्गों पर पांच ड्रॉप गेट बनाए गए हैं जहां से चार चक्के निजी वाहन पूरी तरह वर्जित रहेंगे। बाइकों के लिए अलग पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
रात एक बजे से ही पुलिस बल, मेडिकल टीम, अग्निशमन दस्ता और प्रशासनिक पदाधिकारी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। भगदड़ या किसी आपात स्थिति में तुरंत सहायता के लिए मोबाइल मेडिकल टीमों के नंबर सभी के पास रहेंगे।
सेवा की मिसाल: समाजसेवियों और कावड़िया शिविरों की भूमिका
श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और सेवा के लिए समाजसेवियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। कई स्थानों पर शिविर, जलपान, भोजन, और शरबत वितरण की व्यवस्था की गई है। मनिहारी से जल लेकर आने वाले कांवरियों के लिए विश्राम स्थलों की भी समुचित व्यवस्था है।
श्रद्धा, शांति और सुरक्षा का संगम
सावन मास की इस पहली सोमवारी को लेकर प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय जनता और धार्मिक समितियां भी पूरी सजगता से जुटी हुई हैं। सीसीटीवी कैमरे, भीड़ नियंत्रण के बैरिकेड्स, और प्रवेश-निकास की सुव्यवस्थित व्यवस्था ने बाबा धीमेश्वर धाम को एक शांत, सुरक्षित और भक्तिमय वातावरण में ढाल दिया है।