जोगबनी से होकर पटना तक चलेगी वंदे भारत, ऑपरेशनल फिजिबिलिटी जांच के निर्देश जारी
पूर्णिया
पूर्णिया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, खगड़िया और सीमांचल के लाखों लोगों के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। वर्षों से प्रतीक्षित पूर्णिया-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस अब हकीकत बनने की ओर अग्रसर है। जोगबनी से पूर्णियाँ कोर्ट, सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर होते हुए पटना तक इस अत्याधुनिक ट्रेन के परिचालन को लेकर रेलवे मंत्रालय ने ऑपरेशनल फिजिबिलिटी जांच का निर्देश जारी कर दिया है।
यह जानकारी बिहार सरकार की खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से साझा की। उन्होंने इसे पूर्णियाँ और कोशी अंचल के विकास के लिए एक मील का पत्थर बताया और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त किया।
रेलवे मंत्रालय की पुष्टि
मंत्री लेशी सिंह ने बताया कि 6 अगस्त 2025 को उन्हें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा लिखे गए पत्र में स्पष्ट किया गया कि वंदे भारत ट्रेन के परिचालन हेतु संबंधित अधिकारियों को ऑपरेशनल फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
यह वंदे भारत एक्सप्रेस सिर्फ एक ट्रेन नहीं, यह हर उस छात्र की उम्मीद है जो पटना जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है: मंत्री लेशी सिंह
❝ जब मैंने 26 सितंबर 2024 को रेल मंत्री से मिलकर पूर्णिया से वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की माँग रखी थी, तब मुझे विश्वास था कि सीमांचल की आवाज़ सुनी जाएगी।
आज गर्व होता है कि मेरे प्रयासों से पहले सरसी स्टेशन पर जनहित एक्सप्रेस का ठहराव स्वीकृत हुआ और अब यह वंदे भारत की घोषणा मेरे लिए दूसरी बड़ी उपलब्धि है। मंत्री श्रीमती सिंह ने कहा है कि
यह वंदे भारत एक्सप्रेस सिर्फ एक ट्रेन नहीं, यह हर उस छात्र की उम्मीद है जो पटना जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहता है, हर रोगी की आशा है जिसे बेहतर इलाज की ज़रूरत है, हर व्यापारी की योजना है जो अपने व्यापार को राजधानी से जोड़ना चाहता है। उन्होंने कहा है कि
यह फैसला पूर्णिया, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज और खगड़िया जिलों की जनता के लिए सपनों के सच होने की पहली सीढ़ी है।
मैं पूर्णियाँ और सीमांचल की जनता की ओर से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का हृदय से आभार प्रकट करती हूँ।
जब तक यह ट्रेन पूरी गति से नहीं दौड़ती, मेरा संघर्ष, प्रयास और आवाज़ जारी रहेगी। जनता मेरी शक्ति है, सेवा मेरा धर्म है और पूर्णियाँ की मुस्कान ही मेरी सबसे बड़ी जीत है। ❞
क्षेत्रीय विकास की नई रफ्तार
रेलवे मंत्रालय का यह निर्णय सीमांचल में सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक गतिविधियों को नई दिशा देगा। खासकर सुदूरवर्ती जिलों में रहने वाले छात्रों, मरीजों और व्यापारियों को पटना से जोड़ने में यह ट्रेन गेमचेंजर साबित हो सकती है।
रेल सूत्रों के अनुसार, फिजिबिलिटी रिपोर्ट में सभी आवश्यक तकनीकी और परिचालनिक पहलुओं की गहनता से समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद ट्रेन संचालन की औपचारिक प्रक्रिया शुरू होगी।