स्वच्छता ही सेवा 2025 के तहत पर्यावरण और सार्वजनिक स्थानों की सफाई में जुटे प्रशिक्षु

पूर्णिया
मिल्लिया फखरूद्दीन अली अहमद बी.एड. शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, रामबाग, पूर्णियाँ में आज स्वच्छता पखवाड़ा स्वच्छता ही सेवा 2025 के अंतर्गत एक सांकेतिक श्रमदान अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. शाहबाज रिजवी, शिक्षकगण और सभी प्रशिक्षुओं ने सक्रिय भागीदारी करते हुए महाविद्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों की सफाई में योगदान दिया।
स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम 2017 से प्रतिवर्ष आयोजित हो रहा है
इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. रिजवी ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष अभियान का थीम ‘स्वच्छोत्सव’ रखा गया है, जो उत्सव की भावना के साथ सामूहिक जिम्मेदारी को जोड़ता है। उन्होंने बताया कि स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम 2017 से प्रतिवर्ष आयोजित हो रहा है और देशभर में नागरिक स्वयंसेवकों के माध्यम से सार्वजनिक स्थलों की सफाई को बढ़ावा देता है। 2025 के अभियान का संचालन 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक किया जा रहा है, जिसमें गांवों और शहरों में सामूहिक श्रमदान, कूड़ास्थानों की सफाई और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
2024 में आठ लाख से अधिक स्वच्छता इकाइयों को सार्वजनिक उपयोग
डॉ. रिजवी ने आगे बताया कि 2024 में आठ लाख से अधिक स्वच्छता इकाइयों को सार्वजनिक उपयोग के लिए विकसित किया गया और 12 करोड़ से अधिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या में कमी आई। इस अभियान ने महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान बढ़ाने के साथ ही पांच वर्ष से कम उम्र के तीन लाख बच्चों को गंदगी जनित बीमारियों से बचाने में मदद की।
कार्यक्रम में रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में प्राचार्य के साथ सभी सहायक प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी एवं छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी की। इसमें श्री ध्रुव कुमार, श्री प्रवीण कुमार सिंह, श्री राजीव कुमार, श्री कुन्दन कुमार, सौरभ कुमार, अंसारूल हक, शादाब कौशर, मो. शफीर अहमद, सूरज कुमार, बुनो, सुधा, उमा और बबीता का विशेष योगदान रहा।

