सहयोग पेटी” से बढ़े बच्चों के लिए सहायक प्रयास

पूर्णिया
बिहार शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किलकारी बाल भवन, पूर्णिया में बाल धमाल डांडिया उत्सव का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय बुजुर्ग महिला और किलकारी कर्मियों एवं आगंतुक अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। उद्घाटन से पूर्व “सहयोग पेटी” की जानकारी दी गई, जो बाल भवन में जरूरतमंद बच्चों की मदद के लिए धन जमा करने का एक नवाचार है । इस पेटी में अभिभावक, बच्चे और आगंतुक स्वेच्छा से योगदान कर सकते यह बताया गया ।
पेटी में जमा राशि का उपयोग उन बच्चों के लिए किया जाना है
किलकारी कर्मियों, प्रशिक्षकों और अधिकारियों की निगरानी में यह पेटी हर तीन महीने में खोली जाएगी और इसमें जमा राशि का उपयोग उन बच्चों के लिए किया जाएगा, जिन्हें आर्थिक सहायता की आवश्यकता है, जैसे नामांकन शुल्क और अन्य संबंधित खर्च। इस पहल से न केवल बच्चों को आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि समाज में सहयोग और भाईचारे की भावना भी प्रबल होगी।
सब-हेडिंग 2: भारतीय संस्कृति और पारंपरिक नृत्य का उत्सव
बाल धमाल डांडिया उत्सव किलकारी परिवार द्वारा आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य बच्चों और परिवारों को भारतीय संस्कृति, नृत्य और उत्साहवर्धन के माध्यम से जोड़ना है। इस कार्यक्रम में बच्चे, प्रशिक्षक, अधिकारी और अभिभावक मिलकर डांडिया नृत्य का आनंद उठाते हैं।
उप-जिलाधिकारी पूर्णिया और जिला शिक्षा पदाधिकारी भी इस उत्सव में शामिल हुए, और बच्चों के साथ डांडिया पर थिरकते हुए उत्सव की ऊर्जा में भागीदारी की। संगीत की मधुर धुनों पर सभी उम्र के लोग डांडिया नृत्य में शामिल होकर उत्सव को यादगार बनाने में योगदान देते हैं।
सब-हेडिंग 3: मनोरंजन, रचनात्मकता और सामूहिक सहभागिता
इस उत्सव का प्रमुख उद्देश्य बच्चों और युवाओं को अपनी कला प्रदर्शन का मंच प्रदान करना और भारतीय परंपराओं से जुड़ाव बढ़ाना है। इस दौरान आकर्षक समूह नृत्य, विशेष प्रस्तुतियाँ और रचनात्मक गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
साथ ही, यह आयोजन परिवारों के लिए मनोरंजन और सामूहिक सहभागिता का अवसर भी प्रदान करता है। डांडिया नृत्य के माध्यम से न केवल बच्चों का उत्साह बढ़ता है, बल्कि समाज में भाईचारे और सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।
सब-हेडिंग 4: सांस्कृतिक एकता और बच्चों के उज्जवल भविष्य की ओर
“किलकारी बाल धमाल डांडिया उत्सव” केवल नृत्य या खेल का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता, आनंद और सामाजिक सहभागिता का प्रतीक बन गया है। ऐसे आयोजन बच्चों में आत्मविश्वास, रचनात्मकता और सांस्कृतिक चेतना को बढ़ावा देते हैं।
किलकारी बाल भवन की यह पहल न केवल बच्चों के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि पूरे समाज के लिए सकारात्मक संदेश और भाईचारे की भावना को आगे बढ़ाने वाली साबित हो रही है।

