उप महापौर पल्लवी गुप्ता ने की आरती, दिया प्रभु भक्ति का संदेश, भजन-कीर्तन और दिव्य अभिषेक
पूर्णिया
जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मधुबनी स्थित ऐतिहासिक मंदिर रविवार को भक्तिरस और उल्लास से सराबोर रहा। दिनभर चले धार्मिक अनुष्ठानों और रात्रि तक गूंजते भजन-कीर्तन ने वातावरण को पूरी तरह आध्यात्मिक बना दिया। श्रद्धालु देर रात तक “श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा” जैसे भजनों पर झूमते रहे और प्रभु श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का उल्लास मनाते रहे।
सुबह से ही मंदिर में उमड़ती रही भक्तों की भीड़
मंदिर परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। श्रीकृष्ण के पूजन-अर्चन और दिव्य अभिषेक के साथ भक्ति कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। पूरे दिन श्रद्धालु बारी-बारी से भगवान नंदलाल का दर्शन करते रहे। रात्रि में आकर्षक झांकी सजाई गई, जिसमें बाल गोपाल की अनुपम छवि ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। हर ओर “कृष्ण कन्हैया लाल की जय” के गगनभेदी जयकारे गूंजते रहे और माहौल श्रद्धामय हो गया।
प्रभु श्रीकृष्ण का आशीर्वाद जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार करता है। उप महापौर पल्लवी गुप्ता
इस अवसर पर पूर्णिया नगर निगम की उप महापौर पल्लवी गुप्ता विशेष रूप से मंदिर पहुंचीं। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की आरती एवं अभिषेक में भाग लेकर श्रद्धालुओं को प्रभु भक्ति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि “कृष्ण कन्हैया की अनुपम छवि से हृदय अलौकिक आनंद से भर जाता है। प्रभु श्रीकृष्ण का आशीर्वाद जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार करता है।” उनके इस संदेश का श्रद्धालुओं ने जोरदार स्वागत किया।
भक्ति जागरण से वातावरण होता रहा गुंजायमान
सांझ से लेकर मध्यरात्रि तक मंदिर प्रांगण में भजन-कीर्तन, धार्मिक प्रवचन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। भक्तों ने मिलकर श्रीकृष्ण जन्म की बधाई दी और प्रभु नाम संकीर्तन के साथ वातावरण को गुंजायमान कर दिया।
पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला। मंदिर परिसर और आसपास की गलियां रंगीन झालरों, फूलों और दीपों से सजी हुई थीं। श्रद्धालुओं की भीड़ से मंदिर क्षेत्र पूरी तरह भर गया। जन्माष्टमी का यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक बना बल्कि समाज में भक्ति, प्रेम और एकता का संदेश भी दे गया।