
नई दिल्ली,
01: बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया रेलवे लाइन का दोहरीकरण, लागत: 2,192 करोड़ रुपये।
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02 : एनएच-139 डब्ल्यू साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड चार लेन निर्माण, लागत: 3,822.31 करोड़ रुपये।
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03 : डीएसआईआर/सीएसआईआर योजना के तहत नवाचार और युवा प्रतिभा को बढ़ावा, लागत: 2,277.397 करोड़ रुपये।
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04 : रेलवे परियोजना से 1,434 गांव और 13.46 लाख आबादी को लाभ।
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05 : एनएच परियोजना से 14.22 लाख प्रत्यक्ष और
17.69 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
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104 किलोमीटर लंबी बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया एकल रेलवे लाइन का दोहरीकरण 2,192 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। यह मार्ग राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा और पावापुरी जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों से होकर गुजरता है। परियोजना से 1,434 गांव और 13.46 लाख लोग सीधे लाभान्वित होंगे। रेलवे क्षमता में वृद्धि से कोयला, सीमेंट, क्लिंकर और फ्लाई ऐश के परिवहन में भी तेजी आएगी।
पर्यटन और आर्थिक विकास को जोड़ने वाली परियोजनाएं : रेल और सड़क दोनों परियोजनाएं बिहार के प्रमुख धार्मिक और बौद्ध पर्यटन स्थलों को जोड़कर पर्यटन क्षमता बढ़ाएंगी। एनएच परियोजना से लंबी दूरी के माल यातायात में तेजी आएगी और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में सुधार होगा, जिससे कृषि, औद्योगिक और सीमा पार व्यापार के मार्ग मजबूत होंगे।
एनएच-139 डब्ल्यू साहेबगंज-अरेराज-बेतिया खंड का चार लेन निर्माण 78.942 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग-139 डब्ल्यू का चार लेन हाइब्रिड एन्युइटी मोड निर्माण 3,822.31 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा। यह परियोजना केसरिया बुद्ध स्तूप (साहेबगंज), सोमेश्वरनाथ मंदिर (अरेराज), वैशाली के विश्व शांति स्तूप और महावीर मंदिर (पटना) जैसी पर्यटन स्थलों तक पहुंच बढ़ाएगी। परियोजना से 14.22 लाख प्रत्यक्ष और 17.69 लाख अप्रत्यक्ष मानव-दिवस रोजगार सृजित होंगे।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अनुसंधान एवं नवाचार क्षेत्र में युवा प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए 2,277.397 करोड़ रुपये की डीएसआईआर/सीएसआईआर योजना को मंजूरी दी। यह योजना विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं और प्रतिष्ठित संस्थानों में काम करने वाले युवा शोधकर्ताओं के लिए व्यापक मंच प्रदान करेगी।
नवाचार और अनुसंधान के लिए डीएसआईआर/सीएसआईआर योजना :
रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव :
दोनों बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाखों मानव-दिवस रोजगार सृजित होंगे। रेलवे और सड़क परियोजनाओं से न केवल स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि भी होगी। डीएसआईआर/सीएसआईआर योजना से युवा वैज्ञानिक और शोधकर्ता देश की विकास यात्रा में सक्रिय योगदान देंगे।

