डीएम ने प्रभावित पंचायतों का किया निरीक्षण, सामुदायिक रसोई, मेडिकल कैंप और चलंत शौचालय की व्यवस्था तेज़ करने के दिए निर्देश
पूर्णिया
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण सहायक कारी कोशी नदी का पानी भी बढ़ गया है, जिससे रूपौली अंचल के कोयली सिमरा पूरब, कोयली सिमरा पश्चिम, भौवा प्रबल, विजय मोहनपुर, डोभा मिलिक, लक्ष्मीपुर छर्रापटटी सहित लगभग 25 गांवों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। इस कारण किसानों के खेतों में पानी फैल गया और ग्रामीणों को दैनिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों का डीएम निरीक्षण
बाढ़ कि समस्या से निपटने कों लेकर जिला प्रशासन लगातार नजरें बनाये हुए है बल्कि सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है ताकि बाढ़ पीड़ितों कों राहत मिल सके, इसी क्रम में बुधवार कों जिला पदाधिकारी पूर्णिया अंशुल कुमार ने अंचल रूपौली के बनकटटा, अंझरी और टोपड़ा गांव का भ्रमण कर बाढ़ प्रभावित पंचायतों में राहत कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित पंचायतों में सामुदायिक रसोई का अविलम्ब संचालन किया जाए और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सामुदायिक रसोई के लिए स्थान चिन्हित किए जाएँ।
राहत कार्य और सुविधाएं
जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित्त क्षेत्रों में चलाये जा रहे राहत कार्यों में प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार सामुदायिक रसोई: रूपौली अंचल में वर्तमान में कुल 07 स्थानों पर सामुदायिक रसोई संचालित की जा रही है। वही
शौचालय की व्यवस्था: कार्यपालक अभियंता, पीएचडी धमदाहा द्वारा किया जा रहा है जिसमे 04 चलंत शौचालय और 14 अस्थायी शौचालय की व्यवस्था करवाई गई।
स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग द्वारा 02 चलंत मानव चिकित्सा दल के सदस्यों के द्वारा अब तक 400 से अधिक लोगों का इलाज किया गया है वही 12 चलंत पशु चिकित्सा दलों के द्वारा 645 पशुओं का इलाज किया गया है । इसके बाउजूद जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशुओं के लिये आवश्यकतानुसार पशु चारा भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
सड़क एवं बुनियादी ढांचा कों लेकर भी जिला प्रशासन सक्रिय है, उपलब्ध जानकारी के मुताबिक नदी के कटाव के कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के 02 स्थानों पर सड़कों को क्षतिग्रस्त पाया गया, जिन्हें प्रशासनिक सक्रियता से परिचालन योग्य बना दिया गया है ताकि आवगामान में कोई परेशानी ना हो!
फसल क्षति सर्वे: बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र में जिला पदाधिकारी के निर्देश पर जिला क़ृषि विभाग लगतार सक्रिय है, जिला प्रशासन द्वारा कृषि विभाग कों निर्देशित किया गया कि फसल क्षति सर्वे तुरंत प्रारंभ किया जाए ताकि पानी घटने के बाद मुआवजा ससमय दिया जा सके। इसे लेकर जिला क़ृषि पदाधिकारी ने संबधित विभागीय कर्मियों के साथ सर्वे कार्य किसानो के साथ वार्ता संग जारी रखा है!
नाव सेवा: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागाम के लिये जिला प्रशासन ने पूर्व तैयारियों के तहत नाव की व्यवस्था शुनिश्चित की है, ताकि आम जनता के आवागमन के लिएपरेशानी नहीं हो, प्राप्त जानकारी के मुताबिक कुल 21 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों परिचालित की जा रही हैं।
“हमने अंचल रूपौली के सभी बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया है। सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि राहत कार्य, सामुदायिक रसोई, मेडिकल कैंप और शौचालय व्यवस्था तत्काल प्रभाव से संचालित हों। हमारी प्राथमिकता प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाना और उनके जीवन में सामान्यता लौटाना है।”
– श्री अंशुल कुमार, जिला पदाधिकारी, पूर्णिया
बाढ़ प्रभावित पंचायत क्षेत्र एक नजर में —-
प्रभावित पंचायत: कोयली सिमरा पूरब, कोयली सिमरा पश्चिम, भौवा प्रबल, विजय मोहनपुर, डोभा मिलिक, लक्ष्मीपुर छर्रापटटी आदि।
एक नजर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में प्रशासनिक व्यवस्था पर —
1- कुल सामुदायिक रसोई: 07 (आवश्यकतानुसार अतिरिक्त)।
2- चलंत शौचालय: 04 | अस्थायी शौचालय: 14
3- चलंत मानव चिकित्सा दल: 02 | लाभार्थी: 400+
4- चलंत पशु चिकित्सा दल: 12 | लाभार्थी पशु: 645
5- नावें: 21