- अवैध संपत्ति अर्जित करने वाले अपराधियों की सूची तैयार कर जब्ती की कार्रवाई तेज होगी।
- अंचलाधिकारी-थानाध्यक्ष को संयुक्त रूप से अपराध के बाद अर्जित संपत्ति का पूरा विवरण देने का निर्देश।
- डीटीओ और अवर निबंधक को वाहन व ज़मीन संबंधी रिकॉर्ड त्वरित रूप से प्रस्तुत करने का आदेश।
- अगली समीक्षा बैठक से पहले सभी रिपोर्ट विधि शाखा में अनिवार्य रूप से जमा करनी होगी।
पूर्णिया
पूर्णिया जिला प्रशासन ने अपराध से अर्जित संपत्तियों पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया को प्राथमिकता पर रखते हुए बुधवार को एक अहम बैठक आयोजित की गयी । यह बैठक जिलाधिकारी अंशुल कुमार और पुलिस अधीक्षक स्वीटी सहरावत की संयुक्त अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 107 के क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक का प्रमुख फोकस उन अपराधियों की पहचान पर रहा, जिन्होंने अपराधों के माध्यम से अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की है। बैठक में शामिल अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए कि वे ऐसे अपराधियों की सूची तैयार करें और उनके द्वारा खरीदी गई चल-अचल संपत्तियों का विवरण, मूल्यांकन और स्वामित्व स्थिति का सत्यापन करें।
जारी किए गए संयुक्त कार्रवाई के आदेश
इस दिशा में जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला अवर निबंधक, अंचलाधिकारी और संबंधित थानाध्यक्षों को संयुक्त कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। विशेष निर्देश दिया गया है कि अपराध की तारीख के बाद अपराधियों के नाम से खरीदी गई ज़मीन, वाहन या अन्य परिसंपत्तियों का संपूर्ण ब्योरा तैयार कर अगली समीक्षा बैठक से पूर्व जिला विधि शाखा को सौंपा जाए।
अपर पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि वे अनुसंधान अधिकारियों से अपराधियों की सूची प्राप्त करें और अन्य संबंधित विभागों को भेजकर समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित कराएं।
संगठित अपराध पर नकेल कसने की कार्यवाई तेज
जिलाधिकारी ने इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता, तत्परता और संवेदनशीलता के साथ लागू करने का निर्देश दिया। जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सभी रिपोर्टों की गहन समीक्षा के बाद न्यायोचित अग्रेत्तर कार्रवाई की जाएगी और ज़िले में संगठित अपराधों पर नकेल कसी जाएगी।