“यह केवल शिक्षा नहीं, बदलाव की शुरुआत है” – उपमहापौर पल्लवी गुप्ता
- परिवार की पहली पीढ़ी की बेटियाँ करेंगी सामान्य सेवा सहायक का पाठ्यक्रम
- निःशुल्क आवास, प्रशिक्षण और रोजगार की पूर्ण व्यवस्था
- समाज के लिए प्रेरणा बनेंगी यह बालिकाएँ
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पूर्णिया:
पूर्णिया जिले की 16 बेटियाँ मंगलवार कों अपने आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में पहला कदम बढ़ाते हुए बाटा इंडिया और जनमन पीपुल्स फाउंडेशन द्वारा संचालित बाटा विंग्स छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत पश्चिम बंगाल के बर्धमान नगर के लिए रवाना हुईं। ये सभी बालिकाएँ अपने-अपने परिवारों की पहली शिक्षित पीढ़ी से हैं, जो वहाँ जाकर सामान्य सेवा सहायक (जीडीए) का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम करेंगी। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत उन्हें निःशुल्क आवास, भोजन, प्रशिक्षण और कार्य अवसर की गारंटी दी जाएगी।
गौरतलब है कि बाटा इंडिया और जनमन पीपुल्स फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से चलाई जा रही बाटा विंग्स छात्रवृत्ति योजना पूर्णिया की बेटियों के जीवन में नई आशा लेकर आई है। इस योजना के अंतर्गत चयनित 16 बेटियाँ अब बर्धमान में सामान्य सेवा सहायक का पाठ्यक्रम करेंगी, जो कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़ा एक व्यावसायिक प्रशिक्षण है।बेटियाँ न केवल अपने जीवन की नई शुरुआत कर रही हैं, बल्कि पूरे समाज को प्रेरित कर रही हैं: : पल्लवी गुप्ता
इस अवसर पर आयोजित विदाई कार्यक्रम में उपमहापौर पल्लवी गुप्ता ने बालिकाओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ये बेटियाँ न केवल अपने जीवन की नई शुरुआत कर रही हैं, बल्कि पूरे समाज को प्रेरित कर रही हैं। यह केवल शिक्षा नहीं, बल्कि बदलाव की ओर एक ठोस क़दम है। पूर्णिया को इन बेटियों पर गर्व है।”
पूरे कार्यक्रम का संचालन जनमन पीपुल्स फाउंडेशन के निदेशक शौर्य राय ने किया। उन्होंने इसे बालिकाओं के आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि इन बेटियों का चयन सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के मूल्यांकन के बाद किया गया, जिसमें उनकी सीखने की रुचि और आगे बढ़ने की भावना को प्राथमिकता दी गई।
फाउंडेशन के समाजसेवी नीतीश ने इस पूरी प्रक्रिया में चयन, मार्गदर्शन और तैयारी की भूमिका निभाई। उन्होंने इन बेटियों की आत्मविश्वास भरी मुस्कान को सफलता की पहली निशानी बताया।
इस कार्यक्रम में समाजसेवी विजय श्रीवास्तव, मनोरंजन जी, दीपिका जी सहित कई सम्मानित जन उपस्थित थे, जिन्होंने बालिकाओं को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं और इस पहल की मुक्त कंठ से सराहना की। इस दौरान
बेटियों के चेहरों पर आत्मविश्वास और उत्साह की झलक स्पष्ट दिखाई दी। बर्धमान रवाना होते समय उनकी आँखों में बेहतर जीवन की उम्मीद और दृढ़ निश्चय चमक रहा था।