➤ सऊदी अरब में रह रहे युवक को फर्जी गिरफ्तारी का भय दिखाकर ₹94,500 की ठगी
➤ पूर्णियाँ पुलिस ने दिखाया जीरो टॉलरेंस, गिरोह के पटना-मुजफ्फरपुर-नालंदा लिंक का पर्दाफाश
➤ पासबुक, एटीएम, मोबाइल, डायरी समेत कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद
पूर्णिया
पूर्णिया साइबर थाना क्षेत्र में ‘डिजिटल अरेस्ट’ नामक एक अत्याधुनिक साईबर ठगी के मामले में पूर्णियाँ पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस अधीक्षक स्वीटी सहरावत के निर्देशन में काम कर रही साइबर क्राइम यूनिट ने इस गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, इस गिरफ्तारी में गिरोह का मास्टरमाइंड भी शामिल है।
कैसे हुआ मामला उजागर
पुलिस द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक 24 जुलाई 2025 को वादिनी रूकमणी कुमारी ने साइबर थाना, पूर्णियाँ में एक लिखित आवेदन देकर बताया कि उसके भाई जो सऊदी अरब में कार्यरत हैं, उन्हें व्हाट्सएप कॉल के जरिए भारत में झूठे आरोप में जेल भेजने की धमकी देकर ₹94,500 की ठगी कर ली गई। यह राशि एक क्यूआर कोड के माध्यम से पटना के एक बैंक खाते में ट्रांसफर करवाई गई। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर साइबर थाना में थाना कांड संख्या 55/25, धारा-204/205/318(4)/319(2)/
तकनीकी विश्लेषण और छापामारी से खुला गिरोह का राज
एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज शिकायत की पुलिस द्वारा की गयी तकनीकी जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उक्त राशि पटना स्थित इंडियन बैंक के एक खाते में ट्रांसफर की गई, जहां से ATM से निकासी हुई थी। बैंक से प्राप्त विवरण में खाता धारक की पहचान अरविन्द कुमार, निवासी लखनपुर, थाना कटरा, जिला मुजफ्फरपुर के रूप में हुई।
पुलिस टीम ने मुजफ्फरपुर और दरभंगा में छापामारी कर अरविन्द कुमार और उसके सहयोगी राणा आदित्य को पटना से गिरफ्तार किया। उनके पास से कई बैंकों के पासबुक, ATM कार्ड, मोबाइल फोन और एक डायरी बरामद हुई, जिसमें ठगी के विवरण लिखे हुए थे।
गिरोह का मास्टरमाइंड भी चढ़ा हत्थे
पूछताछ में अरविन्द कुमार ने गिरोह के मास्टरमाइंड गुड्डू कुमार, निवासी राजीवनगर, पटना का नाम उजागर किया। इसके बाद पाटलिपुत्रा थाना क्षेत्र में स्थित उसके आवास पर छापेमारी की गई। वहां से पासबुक, ATM, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज जब्त करते हुए गुड्डू कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
पूरे गिरोह के नेटवर्क की पड़ताल जारी
गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों से पूछताछ के क्रम में यह खुलासा हुआ कि यह एक संगठित साइबर अपराध गिरोह है, जो डिजिटल अरेस्ट, झूठे आरोप, और अंतरराष्ट्रीय कॉल के जरिए लोगों को ठगने का काम करता है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
गिरफ्तार अभियुक्त
अरविन्द कुमार, पिता-स्व. जगदीश प्रसाद, लखनपुर, थाना कटरा, जिला मुजफ्फरपुर
गुड्डू कुमार, पिता-स्व. अनिल प्रसाद, थाना राजीव नगर, जिला पटना
राणा आदित्य सिंह, पिता राणा संग्राम सिंह, केनरा कला, थाना सरमेरा, जिला नालंदा (वर्तमान पता: भगवती दशेन अपार्टमेंट, पाटलिपुत्रा, पटना)
बरामद सामग्रियाँ
विभिन्न बैंकों के पासबुक और एटीएम कार्ड (Indian Bank, BOI, Kotak, IOB, PNB)
मोबाइल फोन (Oppo, Vivo)
ठगी की डायरी
बैंक दस्तावेज, KYC फॉर्म, बिजली बिल इत्यादि
पुलिस टीम में शामिल अधिकारी
पुलिस उपाधीक्षक, साइबर क्राइम – चंदन कुमार ठाकुर
अपर थाना प्रभारी – पी.एन.आरिज़ एहकाम
अन्य पदाधिकारीगण: संतोष कुमार झा, मनीष चन्द्र यादव, तेजबहादुर चौबे, मनोज कुमार पंडित, मुकेश कुमार, सोनू कुमार
एसपी ने दी जानकारी प्रेस वार्ता में जानकारी
पूर्णियाँ की पुलिस अधीक्षक स्वीटी सहरावत ने शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में इस पूरी कार्रवाई की जानकारी दी और कहा कि पूर्णियाँ पुलिस “डिजिटल अपराध के विरुद्ध पूरी संवेदनशीलता और सतर्कता से कार्रवाई कर रही है।” उन्होंने जनता से भी अपील की कि ऐसे किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज से सावधान रहें और तत्काल साइबर थाना या हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करें।