“स्तनपान का समर्थन करें – शिक्षित करें और सशक्त बनाएं” विषय पर हुआ आयोजन, स्वास्थ्य संचार को मिला बढ़ावा
पूर्णिया
सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय, पूर्णिया में विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) के उपलक्ष्य में सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा एक चित्र-पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम द्वितीय वर्ष के स्नातक (एमबीबीएस) विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं ने “स्तनपान का समर्थन करें – शिक्षित करें और सशक्त बनाएं” विषय पर आधारित आकर्षक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से युक्त पोस्टर प्रस्तुत किए।
व्यापक जनजागरूकता पर रहा जोर
इस प्रतियोगिता का उद्देश्य विद्यार्थियों में जनस्वास्थ्य संचार कौशल को विकसित करना और समाज में स्तनपान के महत्व को लेकर व्यापक जनजागरूकता फैलाना था। आयोजन स्थल — व्याख्यान कक्ष — में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए गए चित्रों व पोस्टरों ने यह दर्शाया कि भावी चिकित्सक समाज को स्वास्थ्य शिक्षा देने की जिम्मेदारी को कितनी गंभीरता से ग्रहण करते हैं।
विशेषज्ञों के विचार:
कार्यक्रम के मार्गदर्शक एवं सामुदायिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. अभय कुमार ने कहा, “स्तनपान शिशु के लिए पहला और सम्पूर्ण पोषण है, जो न केवल बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि माता के लिए भी अनेक स्वास्थ्य लाभ लेकर आता है। विद्यार्थियों ने विषय को अत्यंत संवेदनशीलता और वैज्ञानिकता से चित्रित किया है।”
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. कुमार हिमांशु ने इसे विद्यार्थियों के लिए एक उत्कृष्ट शिक्षण अनुभव बताया। उन्होंने कहा, “स्तनपान को लेकर सही जानकारी और समर्थन शिशु मृत्यु दर को घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों के लिए न केवल एक रचनात्मक अवसर रही, बल्कि उनके भावी चिकित्सकीय दायित्वों की समझ को भी सुदृढ़ करती है।”
सह-समन्वयक डॉ. तनिशा चौधरी ने स्तनपान को माता और शिशु का प्राकृतिक अधिकार बताते हुए कहा, “स्तनपान को बढ़ावा देना हम सभी की साझा जिम्मेदारी है। विद्यार्थियों ने इस विषय की गंभीरता को समझते हुए जिस तरह अपने विचारों को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया, वह सराहनीय है।”
प्रतियोगिता में चयनित श्रेष्ठ पोस्टरों को महाविद्यालय परिसर में प्रदर्शित किया जाएगा और विजयी विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।