राहत-बचाव की रणनीति को लेकर सेना, SDRF और प्रशासन के बीच हुई समन्वय बैठक
, पूर्णिया
जिले में संभावित बाढ़ से निपटने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इसी सिलसिले में शुक्रवार को बेंगडुबी मिलिट्री कैंप से एक 12 सदस्यीय सेना की टीम पूर्णिया पहुंची, जिसका नेतृत्व कमांडिंग ऑफिसर, मेजर स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। सेना के आगमन के साथ ही जिला प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव को लेकर समन्वय बैठक का आयोजन किया गया।
सेना और जिला प्रशासन के बीच हुई अहम बैठक
बेंगडुबी से आई सेना की टीम ने अपर समाहर्ता (विधि-व्यवस्था) पूर्णिया, सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी तथा SDRF टीम कमांडर के साथ संयुक्त बैठक की। बैठक में सेना अधिकारियों को जिले की भौगोलिक स्थिति, प्रमुख नदियाँ, तटबंध, संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं पूर्व के अनुभवों के आधार पर तैयार रणनीति की जानकारी दी गई।
बाढ़ पूर्व, दौरान और बाद की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा
बैठक के दौरान बाढ़ से पहले, दौरान और बाद में जिला प्रशासन द्वारा किए जाने वाले कार्यों को लेकर सेना को अवगत कराया गया। इसमें संभावित खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान, राहत शिविरों की तैयारी, नावों और आपात संसाधनों की उपलब्धता, चिकित्सा सहायता, संचार व्यवस्था एवं त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल रहे।
समन्वित प्रयासों पर जोर, साझा किए गए संसाधन
प्रशासन ने इस आपदा प्रबंधन में सभी एजेंसियों — सेना, SDRF और जिला प्रशासन — के बीच समन्वय पर विशेष बल दिया। सेना को जिले में उपलब्ध संसाधनों की जानकारी दी गई, ताकि आवश्यकता पड़ने पर सभी संसाधनों का संयुक्त रूप से उपयोग कर राहत एवं बचाव कार्य त्वरित गति से संचालित किया जा सके।
सेना ने किया जिला आपातकालीन संचालन केंद्र का निरीक्षण
बैठक के बाद सेना के अधिकारियों ने जिला आपातकालीन संचालन केंद्र (District Emergency Operation Centre) का दौरा किया और संचार व्यवस्था तथा नियंत्रण प्रणाली की कार्यप्रणाली को देखा। इसके अलावा, सेना को जिले के संचार नेटवर्क एवं कम्युनिकेशन प्लान की भी जानकारी दी गई।
प्रशासन की तैयारियों से नागरिकों में भरोसा
सेना और जिला प्रशासन के बीच हुई यह समन्वय बैठक यह दर्शाती है कि संभावित आपदा से निपटने को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। बाढ़ जैसी आपदा में त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने हेतु बहु-स्तरीय तैयारी की जा रही है, जिससे जन-धन की हानि को न्यूनतम किया जा सके।