एक सप्ताह तक चली गतिविधियों की गुणवत्ता और बच्चों पर केंद्रित रही रिसर्च
पूर्णिया,:
विश्व भारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन (बोलपुर, पश्चिम बंगाल) की दो छात्राओं – अद्रिजा गुहा और पूनम दास ने किलकारी बाल भवन, पूर्णिया पर सात दिवसीय शोध कार्य पूरा किया। यह इंटर्नशिप कार्यक्रम “एक छत के नीचे बाल भवन में संचालित हो रही विभिन्न गतिविधियों की गुणवत्ता, समस्याएं और समाधान” विषय पर केंद्रित था। इसके साथ ही छात्राओं ने चार बच्चों पर केस स्टडी भी की और अपने संपूर्ण कार्य का दस्तावेजीकरण कर कार्यालय को समर्पित किया।
कला और संस्कृति से बच्चों को कराया रूबरू
अद्रिजा गुहा विश्व भारती विश्वविद्यालय के हिंदी भवन और कला भवन से जुड़ी हैं, जहाँ वे टेक्सटाइल और स्कल्पचर की छात्रा हैं। इंटर्नशिप के दौरान उन्होंने बच्चों को बाटिक पेंटिंग और प्रिंटिंग जैसी पारंपरिक कलाओं से परिचित कराया। वहीं पूनम दास हिंदी भवन के साथ-साथ संगीत भवन की छात्रा हैं और मणिपुरी एवं रविंद्र नृत्य में प्रशिक्षित हैं। उन्होंने बच्चों को मणिपुरी नृत्य शैली का परिचय दिया और रविंद्र नृत्य पर एक नृत्य प्रोडक्शन भी तैयार करवाया।
इस दौरान किलकारी के प्रशिक्षक अजय कुमार मंडल (नृत्य) और टिंकी कुमारी (चित्रकला) ने दोनों छात्राओं का भरपूर सहयोग किया।
‘दूसरा शांतिनिकेतन है किलकारी पूर्णिया’
कार्यक्रम समन्वयक त्रिदीप शील ने बताया कि यह बिहार में इन दोनों छात्राओं का पहला दौरा था। किलकारी पूर्णिया की कार्यशैली, परिवेश और रचनात्मक गतिविधियों से वे इतनी प्रभावित हुईं कि उन्होंने इसे “दूसरा शांतिनिकेतन” कहा। छात्राओं का मानना था कि यहाँ का वातावरण और रचनात्मकता उन्हें शांतिनिकेतन की ही तरह महसूस हुई, मानो वे कहीं बाहर नहीं आईं।