लंदन,
लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम के युवा ऑलराउंडर नीतीश रेड्डी ने अपनी अनुशासित गेंदबाज़ी से सबका ध्यान खींचा। 22 वर्षीय इस खिलाड़ी ने इंग्लैंड की पहली पारी में दो महत्वपूर्ण विकेट अपने पहले ही ओवर में चटकाए—बेन डकेट और ज़ैक क्रॉली। इस प्रदर्शन ने उन्हें दिन का सबसे सफल भारतीय तेज़ गेंदबाज़ बना दिया।
भारत की ओर से मैदान में उतरे चार तेज़ गेंदबाज़ों में नीतीश की गति सबसे कम थी, फिर भी उन्होंने 14 ओवरों में बेहतरीन लाइन-लेंथ से गेंदबाज़ी कर इंग्लैंड को खुलकर रन नहीं बनाने दिए। यह आंकड़ा अनुभवी मोहम्मद सिराज के ओवरों की संख्या के बराबर रहा।
निरंतरता पर किया विशेष ध्यान
खेल के बाद मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद मुझे अपनी गेंदबाज़ी में निरंतरता लाने की ज़रूरत महसूस हुई। तब से मैंने अपनी लय, लाइन और लेंथ पर विशेष ध्यान देना शुरू किया। यह आज के प्रदर्शन में भी झलका।”
उन्होंने बताया कि आईपीएल के दौरान अपने कप्तान पैट कमिंस और टीम इंडिया के गेंदबाज़ी कोच मॉर्न मोर्कल से उन्हें काफ़ी मार्गदर्शन मिला। “पैट कमिंस ने ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर कैसे गेंदबाज़ी करनी चाहिए, इस पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। वहीं, मॉर्न मोर्कल पिछले कुछ हफ्तों से मेरी गेंदबाज़ी पर बारीकी से काम कर रहे हैं, खासकर स्विंग और स्थिरता को लेकर,” नीतीश ने कहा।
चोट से वापसी की कहानी भी साझा की
आईपीएल के दौरान साइड स्ट्रेन की वजह से नीतीश गेंदबाज़ी नहीं कर पा रहे थे। इस बारे में उन्होंने कहा, “चोट के बाद लय में आना काफी चुनौतीपूर्ण था। टूर्नामेंट के शुरुआती मैचों में मैं गेंदबाज़ी नहीं कर सका, लेकिन जैसे-जैसे फिटनेस लौटी, मैंने नेट्स में दोबारा गेंदबाज़ी शुरू की और फिर मैचों में भी वापसी की।”
टीम की ज़रूरत ही प्राथमिकता
नीतीश ने कहा कि उनका पूरा ध्यान टीम की ज़रूरतों को पूरा करने पर है। “मैं बस पल का आनंद लेना चाहता था और टीम जो चाहती थी, वही करने की कोशिश कर रहा था। मुझे खुशी है कि मैं उम्मीदों पर खरा उतरा। अब कल फिर से उतरकर और विकेट निकालने की कोशिश करूंगा,” उन्होंने आत्मविश्वास से कहा।