त्यौहारों कि खरीदारी पर आम आदमी कों जीएसटी में कटौती का लाभ मिले प्रशासन से जाँच अभियान चलनेकी मांग
पूर्णिया
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में कई खाद्य व दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) में कमी की घोषणा की गई है। सरकार का उद्देश्य आम उपभोक्ताओं को राहत देना था, जीएसटी में कटौती से आम आदमी में त्यौहार के अवसर पर छूट मिलने कि आशा थी लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इसका सीधा लाभ खरीदारों तक नहीं पहुँच पा रहा है। बाजारों में खुदरा खाद्य दुकानदार अब भी पुराने दामों पर ही सामान बेच रहे हैं, जिससे उपभोक्ता ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
खरीदारों का कहना है कि वे राहत की उम्मीद में बाजार जा रहे हैं, लेकिन उन्हें पूर्व निर्धारित दरों पर ही सामान खरीदना पड़ रहा है। दाल, आटा, तेल जैसी रोज़मर्रा की वस्तुओं की कीमतों में दुकानदारों ने कोई कटौती नहीं की है। कई दुकानों पर तो अब भी पुराने टैग वाले दाम ही वसूले जा रहे हैं।
व्यापारी संगठनों का तर्क है कि जीएसटी में कटौती का फायदा उपभोक्ताओं को मिलने में कुछ समय लगेगा,mk
पुराने स्टॉक का डे रहें हा दुहाई, पुराने रेट पर बेच रहें है सामान
दुकानदारों का कहना है कि पुराना स्टॉक ऊँचे दाम पर ही खरीदा गया था। ऐसे में तुरंत नई दरों पर बिक्री करना उनके लिए नुकसानदायक होगा। लेकिन उपभोक्ता संगठनों का मानना है कि सरकार को इस पर सख्ती से निगरानी करनी चाहिए और दुकानदारों को बाध्य करना चाहिए कि वे जीएसटी में हुई कमी का लाभ आम जनता तक पहुँचाएं।
शहर के बुद्धिजीवियों का कहना है कि कर कटौती का वास्तविक असर तभी दिखाई देगा जब थोक बाजार और खुदरा बाजार में दरें घटेंगी । आलम यह है कि टैक्स में कटौती के बाउजूद उपभोक्ताओं को पुराने दाम ही चुकाने कों मजबूर है!
सरकार की मंशा राहत देने की, दुकान पर पुराने दर कायम
बाजार में हाल यह है कि दुकानदारों की मनमानी और निगरानी की कमी के कारण इसका फायदा उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में लोग ठगे हुए से महशुस कर रहे है! स्थानीय बुद्धिजीवियों का कहना है कि प्रशासन इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए सुनिश्चित करे कि जीएसटी दर में कमी का लाभ आम जनता तक तुरंत पहुँच सके।
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