
01: राज्य की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में सीधे डीबीटी के माध्यम से राशि हस्तांतरित होगी।
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02 : ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं एसएचजी से जुड़कर अपने ग्राम संगठन में आवेदन करेंगी।
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03: शहरी महिलाएं www.brlps.in वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं।
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04 : योजना का उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार
शुरू कर स्वावलंबी और परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
पटना,
बिहार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत 26 सितंबर से करने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार की एक पात्र महिला को स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन जुड़ेंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि होंगे।
1. योजना का उद्देश्य : इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने, छोटे व्यवसाय स्थापित करने और मौजूदा व्यवसाय बढ़ाने में सहायता प्रदान करना है। राशि का उपयोग महिलाएं खेती, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई-बुनाई और अन्य लघु उद्यमों में कर सकेंगी। इससे न केवल महिलाएं स्वावलंबी बनेंगी, बल्कि उनके परिवार भी आर्थिक रूप से सशक्त होंगे।
2. लाभार्थियों की संख्या : राज्य की 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये सीधे डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित किए जाएंगे। इस योजना के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की कुल 1 करोड़ 11 लाख से अधिक महिलाओं ने आवेदन किया है।
3. ग्रामीण क्षेत्र की आवेदन प्रक्रिया : ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं, जो स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) से जुड़ी हैं, अपने ग्राम संगठन में आवेदन जमा करेंगी। समूह में शामिल नहीं हुई महिलाओं को पहले एसएचजी से जुड़ना होगा और फिर आवेदन देना होगा। ग्राम स्तर पर समूह के सभी सदस्यों का आवेदन समेकित प्रपत्र में लिया जाएगा।
4. शहरी क्षेत्र की आवेदन प्रक्रिया : शहरी क्षेत्र की महिलाएं जीविका की आधिकारिक वेबसाइट www.brlps.in
पर उपलब्ध लिंक के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। पहले से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी शहरी महिलाएं ऑनलाइन आवेदन नहीं करेंगी।
5. आवेदन की वर्तमान स्थिति
ग्रामीण क्षेत्रों से अब तक 1 करोड़ 7 लाख महिलाएं और शहरी क्षेत्रों से 4 लाख 66 हजार महिलाएं आवेदन कर चुकी हैं। इसके अलावा, 1 लाख 40 हजार ग्रामीण और 4 लाख 4 हजार शहरी महिलाएं समूह से जुड़ने के लिए आवेदन कर चुकी हैं।
6. योजना का उत्सव स्वरूप आयोजन : ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस अवसर को संकुल और ग्राम संगठन स्तर पर उत्सव के रूप में मनाया जाए। इससे महिलाओं में योजना के प्रति उत्साह बढ़ेगा और इसका प्रभाव व्यापक स्तर पर दिखाई देगा।

