नन्हें विद्यार्थियों में राष्ट्रीय भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना जागृत

पूर्णिया
हिंदी दिवस के अवसर पर शनिवार कों यूरोकिड्स, गुलाबबाग़ में बच्चों के लिए एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम बच्चों में हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्यालय की निदेशिका कनिका दीक्षित के निर्देशन में आयोजित किया गया था। इस दौरान स्कूल का वातावरण पूरे दिन उत्सवमय रहा। इस अवसर पर बच्चों ने अपनी मासूमियत और उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लिया। मौक़े पर उपस्थित अभिभावकों और शिक्षकों ने भी बच्चों की प्रस्तुति की सराहना की।
हिंदी में मनोरंजक और शैक्षिक गतिविधियाँ
कार्यक्रम में बच्चों के लिए कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं, सभी गतिविधियाँ हिंदी भाषा में आयोजित की गईं,वह इसलिए की बच्चों की हिंदी में रुचि और आत्मविश्वास दोनों बढ़े।
आयोजन की गतिविधियों पर एक नजर —-
1- कहानी सुनाना: बच्चों ने अपनी पसंदीदा हिंदी कहानियों को सुनाया और उनके भावों को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।
2- कविता पाठ: छोटे-छोटे विद्यार्थियों ने हिंदी कविताएँ पढ़कर कार्यक्रम में चार चाँद लगाए।
3- खेल और प्रतियोगिताएँ: खेलों और मजेदार प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों ने हिंदी में संवाद और खेल कौशल का प्रदर्शन किया।
4- नाट्य प्रस्तुति: कुछ बच्चों ने हिंदी नाटकों के माध्यम से भाषा और संस्कृति का संदेश दिया।
सांस्कृतिक संदेश और एकता का महत्व
कार्यक्रम का समापन एक सुन्दर सा प्रेरक संदेश के साथ हुआ जिसमे भाषाओं में एकता, संस्कृति में विविधता” शामिल था! इस संदेश के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को यह प्रेरणा दी गई कि हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए, लेकिन अपनी राष्ट्रीय भाषा और सांस्कृतिक जड़ों को हमेशा संजो कर रखना चाहिए।
अंतिम संदेश और शुभकामनाएँ
यूरोकिड्स गुलाबबाग़ की ओर से सभी बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी गईं। कार्यक्रम ने बच्चों में भाषा के प्रति प्रेम और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देने का काम किया।
विशेष आकर्षण:
बच्चों की मासूमियत और उत्साह ने कार्यक्रम को यादगार बनाया।
हर गतिविधि ने हिंदी भाषा की सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाया।
अभिभावक और शिक्षक बच्चों के प्रदर्शन से अत्यंत प्रसन्न और प्रेरित हुए।
“हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, यह हमारे देश की पहचान है। हमें अपनी राष्ट्रीय भाषा पर गर्व होना चाहिए। हम सभी भाषाओं को सीखें और उनका सम्मान करें, लेकिन हिंदी हर भारतीय के दिल में होनी चाहिए।”
कनिका दीक्षित , निदेशक, यूरोकिड्स गुलाबबाग़

