छापेमारी और ईंट-भट्ठा जांच से वसूली में तेजी लाने के जिला पदाधिकारी ने दिये आदेश
पूर्णिया
जिला पदाधिकारी अंशुल कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को खनन टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में खनन कार्यों से प्राप्त रॉयल्टी और मालिकाना शुल्क की वसूली की स्थिति की गहन समीक्षा की गई। इस दौरान राजस्व वसूली की धीमी प्रगति पर डीएम ने नाराजगी जताई और इसे गंभीर लापरवाही करार दिया।
लक्ष्य 25 करोड़, अब तक मात्र 2.53 करोड़ की वसूली
समीक्षा में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूर्णिया जिला को खनन राजस्व से 25 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य दिया गया था। इसके मुकाबले अब तक मात्र 2 करोड़ 53 लाख रुपये की ही वसूली हो पाई है। यह लक्ष्य का बेहद छोटा हिस्सा है, जिस पर डीएम ने असंतोष जताते हुए सभी विभागों को कड़े निर्देश दिए।
27 कार्य विभागों ने जमा नहीं की राशि
बैठक में यह भी खुलासा हुआ कि 27 कार्य विभागों ने लघु खनिज से संबंधित रॉयल्टी और मालिकाना शुल्क की राशि अभी तक खनिज विभाग में जमा नहीं कराई है। ठेकेदारों के बिल से कटौती किए जाने के बावजूद यह राशि अटकी हुई है। डीएम ने इसे गंभीर चूक बताते हुए सभी विभागों को शीघ्र बकाया राशि जमा करने का आदेश दिया।
छापेमारी व जांच का निर्देश
डीएम ने वरीय उप समाहर्ता सह जिला खनिज विकास पदाधिकारी, सुश्री शिलिमा को निर्देश दिया कि राजस्व वसूली में तेजी लाने के लिए लगातार छापेमारी की जाए और जिले के सभी ईंट-भट्ठों की जांच सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन विभागों की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा गया जिनकी प्रगति सबसे कम है।
बैठक में सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे। जिला प्रशासन का मानना है कि यह सख्ती और सतत निगरानी जिले में खनन से होने वाले राजस्व में उल्लेखनीय सुधार लाएगी।