पूर्णिया
राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच ) में इमरजेंसी ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों के साथ अभद्र व्यवहार और हंगामा करने के आरोप में केहाट थाना में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह कार्रवाई अस्पताल के इएनटी विशेषज्ञ डॉ. गोपाल कुमार झा द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर की गई।
गंभीर मरीज की मृत्यु के बाद उत्पन्न हुआ
हंगामा
अस्पताल प्रशासन के अनुसार बीते 16 अगस्त को दोपहर 3:15 बजे तीन दुर्घटनाग्रस्त मरीज पुलिस वाहन से जिएमसीएच लाए गए। इनमें से दो मृत अवस्था में थे और एक गंभीर स्थिति में था। गंभीर मरीज की मृत्यु अस्पताल में 10-15 मिनट के भीतर हो गई, जबकि डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने के लिए पूरी कोशिश की। शवों का पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस को सूचित किया गया।
पोस्टमार्टम कक्ष में हुआ उत्पन्न तनाव
उपलब्ध जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम कक्ष के पास परिजनों द्वारा एक शव की सफाई के दौरान नाक और मुंह से खून निकलने पर हंगामा शुरू हो गया। जैसे बताया गया है कि परिजन और कुछ असामाजिक तत्व इमरजेंसी वार्ड की ओर दौड़े और डॉक्टरों को धमकाते हुए कहा कि “डॉक्टर को मारो, अस्पताल जलाओ और पोस्टमार्टम कर दो।” इस दौरान डॉक्टर और स्टाफ अपनी जान बचाने के लिए भागने को मजबूर हुए।
डॉक्टरों की प्रतिक्रिया और मानसिक आघात
इस सम्बन्ध में डॉ. गोपाल कुमार झा ने कहा कि शव की पुनः जांच में पुष्टि हुई कि मरीज पहले से ही मृत थे। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की हिंसा, अभद्र व्यवहार और सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार मानसिक और शारीरिक रूप से चिकित्सकों के लिए अत्यंत हानिकारक है। उन्होंने कहा कि बिना सत्यापन और सही तथ्यों के किसी भी डॉक्टर के कार्य को बदनाम करना और जान से मारने की धमकी देना अत्यंत दुःखद और भयभीत करने वाला है।
कानूनी कार्रवाई और आगे की जांच
केहाट थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है। जीएमसीएच परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज और सोशल मीडिया पर पोस्ट वीडियो के आधार पर हंगामा और दुष्प्रचार करने वाले दोषियों की पहचान की जाएगी। डॉक्टरों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि चिकित्सकों के कार्य और अस्पताल की सुरक्षा पर बिना प्रमाण और बिना सत्यापन हमला करना न केवल गैरकानूनी है बल्कि समाज में डर और असुरक्षा फैलाने वाला भी है।